वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से कहा है कि वह अमेरिकी सेना के प्रति वफादार हों। पिचाई ने हाल ही में चीनी सेना की तारीफ की थी, जिसके बाद ट्रंप ने यह प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना की तारीफ करने के बजाय पिचाई को अमेरिकी सेना के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
बुधवार को सुंदर पिचाई ने व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। इसके बाद अमेरीकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया- 'सुंदर पिचाई से मिला। वो बेशक अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन मैं एक बात कहना चाहूंगा कि वह पूरी तरह से अमेरिकी सेना के प्रति जवाबदेह हैं, न कि चीनी सेना के प्रति।'
दरअसल, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने दावा किया है कि कंपनी का चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग अकादमिक स्तर तक सीमित है। इस बारे में पिचाई गुरुवार को वॉशिंगटन डीसी में मिलिट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिलकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
इसके पहले अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डन्फर्ड ने हाल ही में सीनेट के सामने पेश किए गए सबूत में संदेह जाहिर किया था कि गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए चीनी मिलिट्री का सहयोग दे रहे हैं। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्विटर के जरिए कहा था, 'गूगल अमेरिका की मदद करने की बजाए चीन की मदद कर रहा है।'
इस पर कंपनी ने सफाई भी दी थी। गूगल ने अपने एक बयान में कहा था कि उसका चीन में आर्टिफिशियल गतिविधियां शैक्षणिक शोध में मदद करना और मार्केट एलगोरिथम को समझना और वैश्विक स्तर इसके उपायों का पता लगाना मात्र है।
अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों से अगली पीढ़ी की 5जी वायरलेस तकनीक पर काम करने का भी आग्रह किया है, ताकि अमेरिकी बाजार चीन के प्रमुख टेलीकॉम फर्म हुवेई की तरह अन्य चीन के खोजकर्ताओं पर निर्भर न हों। जनरल ने कहा कि 5जी का वर्चस्व हमारे राष्ट्रीय हित में है। अमेरिकी सरकार को इस बात पर गहरा संदेह है कि हुवेई की प्रौद्योगिकी संभवतः अमेरिकी संचार में चीनी सरकार के प्रवेश का रास्ता खोल देगी।