नई दिल्ली। भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है। बुधवार को 300 किमी दूर से मिसाइल दागकर लाइव सैटेलाइट को ध्वस्त करते ही हम अमेरिका, रूस, चीन के बाद यह तकनीक हासिल करने वाले दुनिया के चौथे देश हो गए हैं। भारत की यह कामयाबी दुनिया के उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो कहते हैं कि भारत कुछ नहीं कर सकता। यहां हम एक कार्टून की कहानी बताएंगे, जिसमें भारत का अपमान किया गया था। मिशन शक्ति की कामयाबी ने उस कार्टून बनाने वाले और छापने वाले को भी जवाब मिल गया है।
बात 2014 की है। 28 सितंबर को ख्यात न्यूयॉर्क टाइम्स में एक कार्टून छपा था। कार्टून में भारत के मार्स मिशन पर कटाक्ष किया गया था। बताया गया कि किस तरह एलिट स्पेस क्लब वाले देश एक कमरे में बैठे है। एक भारतीय बाहर खड़ा दरवाजा खटखटा रहा है। भारतीय कोई ग्रामीण है, जिसके साथ अपनी गाय या भैंस भी है।
कार्टून सिंगापुर के हेंग किम सोंग ने बनाया था। कार्टून छपते ही बवाल हो गया। दुनियाभर के भारतीयों ने इसका विरोध किया और आखिरकार न्यूयॉर्क टाइम्स को माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब भारत वाकई उस एलिट ग्रुप में शामिल हो गया है, जो उस कार्टून में कमरे के अंदर बैठे थे।
जानिए कैसे बिना लड़े किसी भी देश को घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है
आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत ने अब अंतरिक्ष में मंडराते किसी भी सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता हासिल कर ली है। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं। यहां तक कि इजराइल के पास भी यह तकनीक नहीं हैं। यह रक्षा के लिहाज से बहुत अहम है। भारत अब जरूरत पड़ने पर दुश्मन देश का पूरा दूरसंचार नेटवर्क ध्वस्त कर सकता है।
डीआरडीओ ने अपने इस मिशन का नाम 'मिशन शक्ति' दिया था। इसके तहत अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर लो ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराकर यह उपलब्धि हासिल की है। यह भारत का पहला कदम है। अभी हमने लो ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराया है। दूरसंचार सैटेलाइट अंतरिक्ष में बहुत ऊंचाई पर होते हैं। भारत का अगला कदम इस तरह के सैटेलाइट को ध्वस्त करने की ताकत हासिल करना होगा। यदि भारत ऐसा कर पाता है तो किसी भी देश को बिना लड़े या बगैर खून की एक बूंद बहाए घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है।