इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अपने सदाबहार साथी चीन से कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकियों की सूची में मसूद अजहर को शामिल करने के लिए लगाए गए तकनीकी रोक (वीटो) को हटा ले। मगर, इससे पहले वह भारत के सामने शर्त रखे कि वह (भारत) सीमा पर चल रही तनातनी को कम करे और इस्लाबाद के साथ द्वि-पक्षीय वार्ता को शुरू करे।
मामले की जानकारी रखने वाले पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनायिक ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी। तकनीकी रोक लगाने के लिए विशिष्ट कारण देने के लिए चीन को दिया गया समय इस हफ्ते खत्म होने जा रहा है। इसके बाद अमेरिका अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करेगा, जिससे चीन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र आम सभा में अमेरिका इस विषय को खुली चर्चा के लिए रख सकता है।
बताते चलें कि 14 फरवरी में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए आत्मघाती आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसका सरगना मसूज अजहर है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर आ गया था।
न्यूयार्क में रह रहे अमेरिकी और भारतीय राजनायिकों के अनुसार, चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को पाकिस्तान की प्राथमिकता से अवगत कराया था। मगर, उसकी दलीलों से ट्रंप प्रशासन प्रभावित नहीं हुआ। अमेरिका ने चीन से कहा कि मसूद अजहर के यूएन वैश्विक आतंकी सूची में शामिल होना भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय बातचीत से किसी भी रूप में जुड़ा हुआ नहीं है।
यूएन में मसूद अजहर को बैन करने को लेकर चीन ने चौथी बार वीटो का इस्तेमाल कर उसे बचा लिया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन प्रमुख सदस्य देशों ने दो सप्ताह में चीन से विशिष्ट कारण देने की मांग की है। इस बीच बताया जा रहा है कि मसूद अजहर को लेकर इस्लामाबाद की सोच में बदलाव हो रहा है।
पाकिस्तानी सैन्य प्रशासन ने 27 फरवरी को भारत को बताया था कि इस्लामाबाद खुद चीन से अजहर के वैश्विक आतंकी सूची में शामिल होने पर लगी रोक को हटाने के लिए आग्रह करेगा। हालांकि, सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि अजहर मसूद या जैश पाकिस्तान में न तो मौजूद हैं न ही सक्रिय। वह वर्तमान में कई बीमारियों से पीड़ित है।
जबकि मसूद अजहर का पंजाब के भवालपुर में रेलवे लिंक रोड पर मरकज उस्मान-ओ-अली मदरसा में मुख्यालय है। उसका आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान के मरकज सुभानल्लाह, कराची रोड, भवालपुर से काम करता है। इसी कैंपस में अजहर के पिता अल्लाह बक्श साबिर अल्वी की कब्र है।
बताते चलें कि भारतीय वायुसेना की 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना को भारत के साथ लगी पूर्वी सीमा पर तैनात कर दिया गया था। इसके साथ ही किसी भी सैन्य अभियान को बिना बाधा के चलाने के लिए पाकिस्तान के एयर स्पेस को 27 फरवरी से बंद कर दिया गया था। हालांकि, बाद में स्थिति सामान्य होने पर चरण बद्ध तरीके से करीब 10 दिनों के बाद यह प्रतिबंध हटा लिया गया था।