नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष में तेजी से घुमते लाइव सैटेलाइट को 300 किमी दूर से मार गिराया और इसके साथ ही वो महारथ हासिल कर ली जो अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी। इस 'मिशन शक्ति' को डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अंजाम दिया। मिशन के बारे में डीआरडीओ चीफ जीएस रेड्डी ने जानकारी दी। जानिए उन्होंने क्या कहा -
रेड्डी के मुताबिक, हमने लॉ अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट को मार गिराने का फैसला किया, क्योंकि हम एक जिम्मेदार देश हैं। यदि हम अंतरिक्ष में और ऊपर जाते और यह परीक्षण करते तो दूसरे सैटेलाइट को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती। हमारे परीक्षण के बाद सभी सैटेलाइट सुरक्षित हैं और ध्वस्त सैटेलाइट का मलबा तेजी से खत्म हो रहा है।
बकौर रेड्डी, हमने अपने लक्ष्य को बहुत ही सटीकता से निशाना बनाया। इसके लिए कई तरह तकनीक का उपयोग किया गया, जो विशुद्ध रूप से देश में ही विकसित की गई हैं। हमने लक्ष्य को निशाना बनाने में सेंटीमीटर की सटीकता हासिल की है जो बहुत अच्छी मानी जाती है।
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#WATCH DRDO Chairman GS Reddy to ANI says, “NSA (Ajit Doval) whom we report to on strategic matters gave direction to go ahead with the test & he had the concurrence from PM. The development started a few years back & we went into mission mode in last 6 months.” #MissionShakti
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रेड्डी ने यह भी बताया कि पूरे प्रोजेक्ट को लेकर वैज्ञानिकों की रिपोर्टिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को थी। डोभाल ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परामर्श करके इस टेस्ट की अनुमति दी थी। मालूम हो, पाकिस्तान के खिलाफ पहले सर्जिकर स्ट्राइक और फिर एयर स्ट्राइक में भी मोदी और डोभाल की जोड़ी की बड़ी भूमिका रही थी। दोनों स्ट्राइक के समय मोदी भी लगातार अधिकारियों के संपर्क में थे और एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया भी है कि जवानों से भारत सुरक्षित लौटने तक वे रातभर जागते रहे।
बहरहाल, रेड्डी ने आगे बताया कि इस पर बीते कुछ सालो से काम चल रहा था और हम पिछले 6 महीने से मिशन मोड में थे। इसके लिए करीब 100 वैज्ञानिक 24 घंटे काम कर रहे थे। A-SAT मिसाइल 1000 किमी से दूर स्थित सैटेलाइट को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है।
समझिए क्या है Mission Shakti और भारत ने इससे क्या हासिल किया है
आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत ने अब अंतरिक्ष में मंडराते किसी भी सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता हासिल कर ली है। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं। यहां तक कि इजराइल के पास भी यह तकनीक नहीं हैं। यह रक्षा के लिहाज से बहुत अहम है। भारत अब जरूरत पड़ने पर दुश्मन देश का पूरा दूरसंचार नेटवर्क ध्वस्त कर सकता है।
जानिए कैसे बिना लड़े किसी भी देश को घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है
डीआरडीओ ने अपने इस मिशन का नाम 'मिशन शक्ति' दिया था। इसके तहत अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर लो ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराकर यह उपलब्धि हासिल की है। यह भारत का पहला कदम है। अभी हमने लो ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराया है। दूरसंचार सैटेलाइट अंतरिक्ष में बहुत ऊंचाई पर होते हैं। भारत का अगला कदम इस तरह के सैटेलाइट को ध्वस्त करने की ताकत हासिल करना होगा। यदि भारत ऐसा कर पाता है तो किसी भी देश को बिना लड़े या बगैर खून की एक बूंद बहाए घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है।